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Showing posts from August, 2019
द्वितीय विश्वयुद्ध में अंग्रेजों की हालत खराब थी ..प्रथम व द्वितीय विश्वयुद्ध के कारण इंग्लैण्ड में कोई घर ऐसा नहीं था जिसमें की पुरुष न मारा गया हो ...अंग्रेजों के पास अपनी सेना नहीं थी ..जो थी वो भारतीय सेना थी या तुरंत बनाई हुई ब्रिटिश सेना ... ऐसा ही समय 1857 में भी आया था जब अंग्रेजों को चुन चुन कर मारा गया था ..और इसमें भारतीय महिलाएं और सामान्य कृषक मजदूर सभी शामिल थे औरतों ने अंग्रेजो की गर्दनें दरातियों से काट डालीं थी इस भयानक संहार के बाद कुल 3-4 सौ अंग्रेज किसी तरह भारत से जान बचाकर भागे थे या छुप कर रह रहे थे... बाकीयों को क्रांतिकारियों ने मार डाला था ...1857 की क्रांति सफल थी राजनैतिक ऐक्यता नहीं थी इस फूट ने पुनः विदेशी गुलामी की नींव डाली जब अंग्रेजों से देश खाली था उस समय के कुछ गद्दार देशी राजाओं ने अंग्रेजों को पत्र लिखे थे की आओ और यहाँ शासन करो ...उसके बाद अंग्रेजों ने यहाँ के देशी राजाओं नवाबों के साथ मिल कर भारतीय क्रांतिकारी परिवारों गाँवो शहरों और प्रान्तों में खूनी खेल शुरू किया और ये दमन किया जो निरंतर चलता रहा ...इसका स्वरूप बदल गया भारतीय प्रजा को दीन
सोसल मीडिया पर कभी कभी स्कूल व शिक्षा के संदर्भ में दो तरह के वीडियो वायरल होते रहते हैं ! एक तो सरकारी प्राइमरी स्कूल के टीचरस् की जिसमें..उनके ज्ञान की परीक्षण करते हुए दिखाया जाता हैं ! दूसरे इंगलिश मीडियम के स्कूल के बच्चों की जिसमें सामान्य सामाजिक या जियोपोलिटी से सम्बंधित प्रश्न कूल डूड व डूडनियो से पूंछते हुये दिखाया जाता हैं ! और उनके अजीबो गरीब उत्तर पर सिर पीटा जाता हैं ! परंतु मेरा इन दोनों बातो पर थोड़ा भिन्न मत हैं ..इसी वजह से अपना सिर नहीं पीटता ! -------------------------------- पहली बात तो ये प्राइमरी स्कूल के टीचरस् की नियुक्ति करने का प्राईमरी उद्देश्य बच्चों शिक्षा देना नहीं रह गया है ..प्राइमरी उद्देश्य बेरोजगारो को रोजगार देना मात्र रह गया है ! अब मेरी बात पर न नुकुर न करिये हमे भी मालूम है ..और आपको भी मालूम है कि हर साल प्राइमरी स्कूल में कितने बच्चे शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रवेश ले रहे हैं ?? जिन माता-पिता मे शिक्षा के प्रति तनिक भी जागरुकता व रुचि हैं ..चाहे वो किसी भी वर्ग का हैं .मजदूर हो , किसान हो ...अपने बच्चों को प्राइमरी स्कूल में