सोसल मीडिया पर कभी कभी स्कूल व शिक्षा के संदर्भ में दो तरह के वीडियो वायरल होते रहते हैं ! एक तो सरकारी प्राइमरी स्कूल के टीचरस् की जिसमें..उनके ज्ञान की परीक्षण करते हुए दिखाया जाता हैं !

दूसरे इंगलिश मीडियम के स्कूल के बच्चों की जिसमें सामान्य सामाजिक या जियोपोलिटी से सम्बंधित प्रश्न कूल डूड व डूडनियो से पूंछते हुये दिखाया जाता हैं ! और उनके अजीबो गरीब उत्तर पर सिर पीटा जाता हैं !

परंतु मेरा इन दोनों बातो पर थोड़ा भिन्न मत हैं ..इसी वजह से अपना सिर नहीं पीटता !

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पहली बात तो ये प्राइमरी स्कूल के टीचरस् की नियुक्ति करने का प्राईमरी उद्देश्य बच्चों शिक्षा देना नहीं रह गया है ..प्राइमरी उद्देश्य बेरोजगारो को रोजगार देना मात्र रह गया है !
अब मेरी बात पर न नुकुर न करिये हमे भी मालूम है ..और आपको भी मालूम है कि हर साल प्राइमरी स्कूल में कितने बच्चे शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रवेश ले रहे हैं ?? जिन माता-पिता मे शिक्षा के प्रति तनिक भी जागरुकता व रुचि हैं ..चाहे वो किसी भी वर्ग का हैं .मजदूर हो , किसान हो ...अपने बच्चों को प्राइमरी स्कूल में न भेजकर प्राईवेट स्कूलो मे भेज रहा है।

सरकार पर  नौकरी देने का दबाब हैं ..तो वो प्राइमरी स्कूल के टीचर के रुप में नौकरी दे रही हैं...न कि पढ़ाने की गारंटी !
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अब रही बात भारत में  इंगलिश मीडियम स्कूल के कथित कूल डूड व डूडनियो के जियोपालिटी के सामान्य ज्ञान का परीक्षण करने वाले विडियो की !
तो देखिये .....भारत मे इंगलिश मीडियम के स्कूल  सिखाने  या ज्ञानी या गौतम बुद्ध बनाने के लिये नहीं है...We are not here to make you stupid learned or Gyani ..this concept become obsolete ....ये सेकुलर फैब्रिक के अगेंस्ट हैं ....वी आर हियर टू मेक यू स्मार्ट !
तो ये स्कूल बच्चों को स्मार्ट बनाने के लिये होते हैं !
और स्मार्ट कैसे बनते हैं ...
1- बढ़िया फैंसी ड्रेस
2- बर्गर पिज्जा खाने से कोल्ड ड्रिंक पीने से !
3- रेस्टोरेंट में खाने से
4- जब कोई रिश्तेदार ज्ञान की चर्चा करे तो उसे ..माईंड योर बिजनेस कह कर चुप करा देने से !
5- ब्वाय फ्रेंड या गर्ल फ्रेंड रखने से !

आर दिज स्कूल नाट अचीविंग दियर गोल्स् ?

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स्मार्ट बच्चों ने एक्जाम के समय सब मेमोराईज किया था ..मार्क्स ले आये ....अब मेमोरी में फालतू का क्या रखना ....!  स्मार्ट बन गये है ...बच्चे !

स्मार्ट बच्चों ने जो कुछ सीखन था सीख लिया ...नाऊ माईंड योर बिजनेस ...यू आर नाट ठेकेदार आफ एजुकेशन ! ओके ।। नाऊ लीव अस !
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नोट- बच्चों ने जो गणित या विज्ञान सीखा है..वो प्राईवेट ट्युसन या कोचिंग से सीखा होता हैं ! स्कूल तो कभी कभी  मजबूरी में ये जांच लेते हैं कि बच्चे के  ट्युटर या कोचिंग ने क्या पढ़या हैं। आभार!

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